हाई ब्लड प्रेशर का खतरा आजकल के जीवन में बहुत आम हो चुका है। चुपके-चुपके यह रोग आपके शरीर में कब अपना घर बना लेता है, इसकी भनक तक नहीं लगती। डॉक्टरों का मानना है कि जीवनशैली में आ रहे बदलाव के कारण प्राय: हर घर में एक न एक व्यक्ति को इसकी शिकायत देखने को मिल रही है। लेकिन हाल में किए गए एक शोध के मुताबिक महिलाओं में विटामिन सी का उच्च स्तर ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) को कम रखने में मददगार साबित होता है।
क्या है ब्लड प्रेशर
रक्त नलिकाओं पर पड़नेवाले खून के दबाव को ब्लड प्रेशर कहते हैं। शरीर में, दिल, धमनियों के माध्यम से पूरे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन लगातार होता रहता है। हाई ब्लड प्रेशर का प्रमुख कारण धमनियों की दीवारों का अपने सामान्य आकार से मोटा और संकुचित हो जाना है। इस कारण शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सहज गति से नहीं हो पाता और दिल को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
शोध की मानें तो
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता डा. ग्लेडिस ब्लाक विटामिन सी की उच्च मात्रा को ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने में कारगर बताते हैं। पूर्व में किए गए शोधों में भी विटामिन सी (एस्कार्बिक एसिड) में मौजूद प्लाज्मा के उच्च स्तर को अधेड़ व वृद्ध महिलाओं में ब्लड प्रेशर को कम करने में कारगर पाया गया है। एस्कार्बिक एसिड विटामिन सी का एक मुख्य स्रोत होता है।
शोध के परिणाम
वैज्ञानिकों ने प्रयोग में 18 से 21 साल की 242 श्वेत व अश्वेत लड़कियों को शामिल किया। जब इन्हें शोध में शामिल किया गया तब इनकी उम्र 8 साल थी। लगभग 10 साल तक चले शोध के बाद विटामिन सी में प्लाज्मा का स्तर व ब्लड प्रेशर की जांच की गई।
जिन महिलाओं में विटामिन सी का उच्च स्तर पाया गया उनमें सिस्टोलिक (हृदय में संकुचन) ब्लड प्रेशर में 4.66 मिली व डायस्टोलिक (हृदय में फैलाव) में 6.04 मिली की कमी देखी गई। अध्ययन में सामान्य से ज्यादा फलों, सब्जियों या मल्टीविटामिन (विटामिन सी सप्लीमेंट्स) लेने पर एस्कार्बिक एसिड का स्तर ज्यादा पाया गया। संतरा, अंगूर, टमाटर, आलू व फूल गोभी (ब्रोकली) इसके प्रमुख स्रोत माने जाते हैं।
अन्य उपाय
हाई ब्लड प्रेशर में कैल्यिशम जरूरी है, इसलिए कम से कम 800 मिलीग्राम कैल्शियम अवश्य लें। यह तीन कप दूध से प्राप्त हो जाता है।
लहसुन की 3-4 कलियां प्रतिदिन लेने से भी ब्लड प्रेशर ठीक रहता है।
प्रतिदिन 20 ग्राम फाइबर लेने से कोलेस्ट्रॉल में भी कमी आती है और बीपी भी घटता है। आहार में फाइबर, चोकर वाले आटे की रोटी, दाल, फल जैसे सेब, आम, केले, आडू इत्यादि तथा ओटमील दलिया कॉर्न से प्राप्त हो सकता है।
क्या है ब्लड प्रेशर
रक्त नलिकाओं पर पड़नेवाले खून के दबाव को ब्लड प्रेशर कहते हैं। शरीर में, दिल, धमनियों के माध्यम से पूरे शरीर में ब्लड का सर्कुलेशन लगातार होता रहता है। हाई ब्लड प्रेशर का प्रमुख कारण धमनियों की दीवारों का अपने सामान्य आकार से मोटा और संकुचित हो जाना है। इस कारण शरीर में ब्लड सर्कुलेशन सहज गति से नहीं हो पाता और दिल को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है।
शोध की मानें तो
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के प्रमुख शोधकर्ता डा. ग्लेडिस ब्लाक विटामिन सी की उच्च मात्रा को ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने में कारगर बताते हैं। पूर्व में किए गए शोधों में भी विटामिन सी (एस्कार्बिक एसिड) में मौजूद प्लाज्मा के उच्च स्तर को अधेड़ व वृद्ध महिलाओं में ब्लड प्रेशर को कम करने में कारगर पाया गया है। एस्कार्बिक एसिड विटामिन सी का एक मुख्य स्रोत होता है।
शोध के परिणाम
वैज्ञानिकों ने प्रयोग में 18 से 21 साल की 242 श्वेत व अश्वेत लड़कियों को शामिल किया। जब इन्हें शोध में शामिल किया गया तब इनकी उम्र 8 साल थी। लगभग 10 साल तक चले शोध के बाद विटामिन सी में प्लाज्मा का स्तर व ब्लड प्रेशर की जांच की गई।
जिन महिलाओं में विटामिन सी का उच्च स्तर पाया गया उनमें सिस्टोलिक (हृदय में संकुचन) ब्लड प्रेशर में 4.66 मिली व डायस्टोलिक (हृदय में फैलाव) में 6.04 मिली की कमी देखी गई। अध्ययन में सामान्य से ज्यादा फलों, सब्जियों या मल्टीविटामिन (विटामिन सी सप्लीमेंट्स) लेने पर एस्कार्बिक एसिड का स्तर ज्यादा पाया गया। संतरा, अंगूर, टमाटर, आलू व फूल गोभी (ब्रोकली) इसके प्रमुख स्रोत माने जाते हैं।
अन्य उपाय
हाई ब्लड प्रेशर में कैल्यिशम जरूरी है, इसलिए कम से कम 800 मिलीग्राम कैल्शियम अवश्य लें। यह तीन कप दूध से प्राप्त हो जाता है।
लहसुन की 3-4 कलियां प्रतिदिन लेने से भी ब्लड प्रेशर ठीक रहता है।
प्रतिदिन 20 ग्राम फाइबर लेने से कोलेस्ट्रॉल में भी कमी आती है और बीपी भी घटता है। आहार में फाइबर, चोकर वाले आटे की रोटी, दाल, फल जैसे सेब, आम, केले, आडू इत्यादि तथा ओटमील दलिया कॉर्न से प्राप्त हो सकता है।


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